India Gate Kahan Hai, Top 5 Best Image, Drawing and India Gate Kisne Banaya
hi guys, Welcome Today I Explain about India Gate, India door or The All India War Commemoration is a 42-meter-high goliath entryway comprised of sandstone, worked by unmistakable conflict remembrance designer Edwin Lutyens in 1921. It is a conflict commemoration arranged at the eastern finish of Kingsway which is the Rajpath, (India Gate Kahan Hai)
is a dedication to saints of Universal Conflict (1914-21). During the freedom time of Bangladesh, a design containing a dark marble plinth alongside switched L1A1 rifle, covered by a conflict protective cap encompassed by four urns touching off the long-lasting light was built under the Indian door. This design is known as the Amar Jawan Jyoti. (India Gate Kahan Hai)
It was introduced during the 23rd Republic day by the then state head Indira Gandhi in 1972. From that point forward Amar jawan Jyoti has been filling in as a headstone devoted to the known or obscure Indian saints, who lost their lives while shielding the country. The names of in excess of 13,000 Indian saints are engraved on the landmarks (India Gate Kahan Hai)
India Gate Kisne Banaya
10 फरवरी, 1921 को ही डयूक ऑफ कनॉट ने इंडिया गेट की नींव रखी थी। इसको आर्किटेक्ट एडविन लुटियन ने ही तैयार किया था। 12 फरवरी, 1931 को यह बनकर तैयार हुआ था। प्रसिद्ध वास्तुकार एके जैन कहते हैं कि इंडिया गेट और फ्रांस के आर्क ऑफ विक्ट्री में भी काफी समानताएं है। (India Gate Kahan Hai)
आर्क ऑफ विक्ट्री, इंडिया गेट से सौ साल पुराना है। लुटियन ने नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा की रूपरेखा तैयार की तो इसके पूर्व भाग में इंडिया गेट का खाका खींचा। सेंट्रल विस्टा के एक तरफ रायसीना हिल्स तो दूसरी तरफ नहर थी। सेंट्रल विस्टा की चौड़ाई 600 मीटर है। राजपथ इसके ठीक बीच में है। (India Gate Kahan Hai)
वहीं, इंडिया गेट की संरचना की बात करें तो यह 42 मीटर ऊंचा और 9.1 मीटर चौड़ा है। इसे लाल तथा पीले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। पत्थरों को राजस्थान के भरतपुर से लाया गया था। इंडिया गेट का पूरा परिसर करीब 400 एकड़ में फैला हुआ है।
India Gate Image
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India Gate Kahan Hai
इंडिया गेट भारत की राजधानी दिल्ली में ही है, जो कि शहीदों को समर्पित है तथा इंडिया गेट उन लोगों की याद में बना है, जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन को ही समर्पित कर दिया था। यह स्मारक नई दिल्ली में राजपथ मार्ग पर ही स्थित है, जो भारत की विरासत के रूप में भी जाना जाता है। (India Gate Kahan Hai)
इंडिया गेट एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स के द्वारा डिजाइन किया गया था तथा इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ था। शुरूआत में तो इस स्मारक का नाम ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ रखा गया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डी ट्रौम्फ से भी अवतरित है। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर तथा ग्रेनाइट से किया गया है। (India Gate Kahan Hai)
इंडिया गेट का निर्माण कब हुआ?
10 फरवरी, 1921 को डयूक ऑफ कनॉट ने इंडिया गेट की नींव रखी थी। इसको आर्किटेक्ट एडविन लुटियन ने तैयार किया था। 12 फरवरी, 1931 को यह बनकर तैयार हुआ था। प्रसिद्ध वास्तुकार एके जैन कहते हैं कि इंडिया गेट और फ्रांस के आर्क ऑफ विक्ट्री में काफी समानताएं है। (India Gate Kahan Hai)
आर्क ऑफ विक्ट्री, इंडिया गेट से सौ साल पुराना है। लुटियन ने नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा की रूपरेखा तैयार की तो इसके पूर्व भाग में इंडिया गेट का खाका खींचा। सेंट्रल विस्टा के एक तरफ रायसीना हिल्स तो दूसरी तरफ नहर थी। सेंट्रल विस्टा की चौड़ाई 600 मीटर है।
राजपथ इसके ठीक बीच में है। वहीं, इंडिया गेट की संरचना की बात करें तो यह 42 मीटर ऊंचा और 9.1 मीटर चौड़ा है। इसे लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। पत्थरों को राजस्थान के भरतपुर से लाया गया था। इंडिया गेट का पूरा परिसर करीब 400 एकड़ में फैला हुआ है। (India Gate Kahan Hai)
इंडिया गेट के दीवारों पर क्या लिखा है?
इंडिया गेट की दीवारों पर शहीद हुए सैनिको का नाम इंडिया गेट की दीवारो पर उकेरा गया है तथा उस दीवार पर उन सैनिको के नाम लगे हुए है जिन्होंने अफगान और प्रथम विश्व युद्ध के समय अपने प्राणों की आहुति दी थी। दिल्ली का यह स्मारक दिल्ली की मुख्य सड़को से जुड़ा हुआ है।
जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए थे। यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं, लाल तथा पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ यह स्मारक दर्शनीय है।
Frequently Asked Question
1. इंडिया गेट क्यों कहा जाता है?
प्रथम विश्व युद्ध तथा तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में ब्रिटिस इण्डियन आर्मी के भी लगभग 90,000 सैनिकों ने शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को बचाने में अपनी जान गंवा दी थी. इन्हीं सारे सैनिकों के सम्मान के लिए ही इंडिया गेट का निर्माण किया गया था.
2. क्या इंडिया गेट रात में खुला रहता है?
इंडिया गेट मेमोरियल दिन-रात खुला ही रहता है। यह आगंतुकों के लिए हर दिन ही खोला जाता है।
3. गेटवे ऑफ इंडिया तथा इंडिया गेट में क्या अंतर है?
दोनों के बीच प्राथमिक अंतर स्मारकों के स्थान का ही है । इंडिया गेट नई दिल्ली में स्थित है, जो भारत की राजधानी भी है; जबकि गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई में स्थित है, जो भारत की आर्थिक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है।
4. इंडिया गेट के नीचे क्या है?
इंडिया गेट के नीचे ही एक और युद्ध स्मारक है “अमर जवान ज्योति”। अमर जवान ज्योति के चार कलशों में से एक में सप्ताह के सातों दिन ज्योति जलती ही रहती है। इस स्मारक को सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था।
5. इंडिया गेट को हिंदी में क्या कहते हैं?
अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में प्रसिद्ध इंडिया गेट देश की राजधानी दिल्ली में ही राजपथ के नजदीक स्थित है। यह करीब 70 हजार ऐसे भारतीय सैनिकों के स्मारक है, जो पहले विश्व युद्ध के दौरान ही शहीद हो गए थे। बात जब भारत के ऐतिहासिक स्थलों तथा इमारतों की आती है तो उसमें इंडिया गेट का नाम भी काफी अदब के साथ शामिल किया जाता है।
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